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"मुक्ति / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"" के अवतरणों में अंतर
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तोड़ो, तोड़ो, तोड़ो कारा | तोड़ो, तोड़ो, तोड़ो कारा |
23:13, 8 अक्टूबर 2009 का अवतरण
तोड़ो, तोड़ो, तोड़ो कारा
पत्थर, की निकलो फिर,
गंगा-जल-धारा!
गृह-गृह की पार्वती!
पुनः सत्य-सुन्दर-शिव को सँवारती
उर-उर की बनो आरती!
भ्रान्तों की निश्चल ध्रुवतारा!
तोड़ो, तोड़ो, तोड़ो कारा!