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मेरी सुस्ताई हुई आँखों ने | मेरी सुस्ताई हुई आँखों ने |
23:01, 4 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
मेरी सुस्ताई हुई आँखों ने
भाँप लिए हैं
अपने सही मोर्चे
विश्वस्त है अब मेरी गवाही
कि सड़क से
कोढ़ की तरह फूटती है सीढ़ी।