रचनाकार: [[जिगर मुरादाबादी]]{{KKGlobal}}[[Category:कविताएँ]]{{KKRachna[[Category:|रचनाकार=जिगर मुरादाबादी]][[Category:गज़ल]]}}
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*<poem>[[Category:ग़ज़ल]]
इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का अदना सा फ़साना है <br>
आँसू तो बहोत से हैं आँखों में 'जिगर' लेकिन <br>
बिंध जाये सो मोती है रह जाये सो दाना है <br><br>
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