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"पिता-2 / नरेश चंद्रकर" के अवतरणों में अंतर
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जादू उतरता है उनके स्नेह में | जादू उतरता है उनके स्नेह में |
00:57, 19 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
जादू उतरता है उनके स्नेह में
सहलाते हैं पीठ जब उनके हाथ
बहुत सारा दुख उड़ जाता है
कबूतर बनकर अनन्त में
बहुत दिनों तक
फिर वह अपने पास नहीं आता!!