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"फ़ित्ना-सामानियों की ख़ू न करे / असग़र गोण्डवी" के अवतरणों में अंतर

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23:21, 24 जुलाई 2009 का अवतरण

फ़ित्ना-सामानियों<ref>सांसारिक वस्तुओं</ref> की ख़ू<ref>इच्छा</ref> न करे।

मुख़्तसर यह कि आरज़ू न करे॥


पहले हस्ती की है तलाश ज़रूर।

फिर जो गुम हो तो जुस्तजू न करे॥


मावराये-सुख़न<ref>वाई का संयम</ref> भी है कुछ बात।

बात यह है कि गुफ़्तगू न करे॥




शब्दार्थ
<references/>