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"केसरि से बरन सुबरन / बिहारी" के अवतरणों में अंतर

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केसरि से बरन सुबरन बरन जीत्यौ
 
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            बरनीं न जाइ अवरन बै गई।
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बरनीं न जाइ अवरन बै गई।
  
 
कहत बिहारी सुठि सरस पयूष हू तैं,
 
कहत बिहारी सुठि सरस पयूष हू तैं,
  
          उष हू तैं मीठै बैनन बितै गई।
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उष हू तैं मीठै बैनन बितै गई।
  
 
भौंहिनि नचाइ मृदु मुसिकाइ दावभाव
 
भौंहिनि नचाइ मृदु मुसिकाइ दावभाव
  
            चचंल चलाप चब चेरी चितै कै गई।
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चचंल चलाप चब चेरी चितै कै गई।
  
 
लीने कर बेली अलबेली सु अकेली तिय
 
लीने कर बेली अलबेली सु अकेली तिय
  
            जाबन कौं आई जिय जावन सौं दे गई।।
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जाबन कौं आई जिय जावन सौं दे गई।।

18:26, 4 अक्टूबर 2006 का अवतरण

लेखक: बिहारी

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केसरि से बरन सुबरन बरन जीत्यौ

बरनीं न जाइ अवरन बै गई।

कहत बिहारी सुठि सरस पयूष हू तैं,

उष हू तैं मीठै बैनन बितै गई।

भौंहिनि नचाइ मृदु मुसिकाइ दावभाव

चचंल चलाप चब चेरी चितै कै गई।

लीने कर बेली अलबेली सु अकेली तिय

जाबन कौं आई जिय जावन सौं दे गई।।