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+ | * [[हकीक़तों से उलझता रहा फ़साना मेरा / शाहिद माहुली]] | ||
+ | * [[शहर ख़ामोश है सब नेजा व खंज़र चुप है / शाहिद माहुली]] | ||
+ | * [[कुछ दर्द बढा है तो मुदावा भी हुआ है / शाहिद माहुली]] |
21:34, 14 सितम्बर 2009 का अवतरण
शहर खामोश है
रचनाकार | शाहिद माहुली |
---|---|
प्रकाशक | वाणी प्रकाशन |
वर्ष | 2008 |
भाषा | हिंदी |
विषय | |
विधा | ग़ज़ल |
पृष्ठ | 140 |
ISBN | 978-81-8143-678-8 |
विविध |
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- शाहिद माहुली: अपनी महाभारत का शायर / शाहिद माहुली
- पसमंज़र / शाहिद माहुली
- हाशिये पर कुछ हक़ीक़त कुछ फसाना ख़्वाब का / शाहिद माहुली
- जिन्स ए गिराँ थी खूबी ए किस्मत नहीं मिली / शाहिद माहुली
- हकीक़तों से उलझता रहा फ़साना मेरा / शाहिद माहुली
- शहर ख़ामोश है सब नेजा व खंज़र चुप है / शाहिद माहुली
- कुछ दर्द बढा है तो मुदावा भी हुआ है / शाहिद माहुली