"करमा / हर करम अपना करेंगे" के अवतरणों में अंतर
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ऐ मुहब्बत -२ | ऐ मुहब्बत -२ | ||
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ओय ओय -२ | ओय ओय -२ | ||
ऐ मुहब्बत तेरी दास्तां के लिए | ऐ मुहब्बत तेरी दास्तां के लिए | ||
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मैं हूँ तैयार हर इम्तेहां के लिए | मैं हूँ तैयार हर इम्तेहां के लिए | ||
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जान बुलबुल की है गुलिस्तां के लिए | जान बुलबुल की है गुलिस्तां के लिए | ||
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ऐ मुहब्बत तेरी दास्तां के... | ऐ मुहब्बत तेरी दास्तां के... | ||
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इक शोला हूँ मैं इक बिजली हूँ मैं | इक शोला हूँ मैं इक बिजली हूँ मैं | ||
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आग रखकर हथेली पे निकली हूँ मैं | आग रखकर हथेली पे निकली हूँ मैं | ||
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दुश्मनों के हर एक आशियाँ के लिए | दुश्मनों के हर एक आशियाँ के लिए | ||
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जान बुलबुल की है ... | जान बुलबुल की है ... | ||
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ये ज़माना अभी मुझको जाना नहीं | ये ज़माना अभी मुझको जाना नहीं | ||
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सिर कटाना है पर सिर झुकाना नहीं | सिर कटाना है पर सिर झुकाना नहीं | ||
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मुझको मरना है अपने हिन्दुस्तां के लिए | मुझको मरना है अपने हिन्दुस्तां के लिए | ||
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जान बुलबुल की है ... | जान बुलबुल की है ... | ||
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हर करम अपना करेंगे -२ ऐ वतन तेरे लिए | हर करम अपना करेंगे -२ ऐ वतन तेरे लिए | ||
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दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए | दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए | ||
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मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू | मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू | ||
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तेरा सब कुछ मैं मेरा सब कुछ तू | तेरा सब कुछ मैं मेरा सब कुछ तू | ||
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हर करम अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए | हर करम अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए | ||
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दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए | दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए | ||
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और कोई भी कसम कोई भी वादा कुछ नहीं | और कोई भी कसम कोई भी वादा कुछ नहीं | ||
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एक बस तेरी मोहब्बत से ज्यादा कुछ नहीं कुछ नहीं | एक बस तेरी मोहब्बत से ज्यादा कुछ नहीं कुछ नहीं | ||
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हम जियेंगे और मरेंगे ऐ सनम तेरे लिए | हम जियेंगे और मरेंगे ऐ सनम तेरे लिए | ||
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सबसे पहले तू है तेरे बाद हर एक नाम है | सबसे पहले तू है तेरे बाद हर एक नाम है | ||
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तू मेरा आग़ाज़ था तू ही मेरा अन्जाम है अन्जाम है | तू मेरा आग़ाज़ था तू ही मेरा अन्जाम है अन्जाम है | ||
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हम जियेंगे और मरेंगे ऐ सनम तेरे लिए | हम जियेंगे और मरेंगे ऐ सनम तेरे लिए | ||
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दिल दिया है जां भी ... | दिल दिया है जां भी ... | ||
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मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू | मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू | ||
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तेरा सब कुछ मैं मेरा सब कुछ तू | तेरा सब कुछ मैं मेरा सब कुछ तू | ||
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हर करम अपना करेंगे -२ ऐ वतन तेरे लिए | हर करम अपना करेंगे -२ ऐ वतन तेरे लिए | ||
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दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए | दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए | ||
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तू मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू मेरा अभिमान है | तू मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू मेरा अभिमान है | ||
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ऐ वतन महबूब मेरे तुझपे दिल क़ुर्बान है | ऐ वतन महबूब मेरे तुझपे दिल क़ुर्बान है | ||
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हम जियेंगे या मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए | हम जियेंगे या मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए | ||
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दिल दिया है जां भी देंगे ... | दिल दिया है जां भी देंगे ... | ||
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हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई हमवतन हमनाम हैं | हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई हमवतन हमनाम हैं | ||
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जो करे इनको जुदा मज़हब नहीं इल्जाम है | जो करे इनको जुदा मज़हब नहीं इल्जाम है | ||
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हम जियेंगे या मरेंगे ... | हम जियेंगे या मरेंगे ... | ||
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तेरी गलियों में चलाकर नफ़रतों की गोलियां | तेरी गलियों में चलाकर नफ़रतों की गोलियां | ||
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लूटते हैं सब लुटेरे दुल्हनों की डोलियां | लूटते हैं सब लुटेरे दुल्हनों की डोलियां | ||
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लुट रहा है आंप वो अपने घरों को लूट कर | लुट रहा है आंप वो अपने घरों को लूट कर | ||
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खेलते हैं बेखबर अपने लहू से होलियां | खेलते हैं बेखबर अपने लहू से होलियां | ||
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हम जियेंगे या मरेंगे ... | हम जियेंगे या मरेंगे ... | ||
+ | <Poem> |
17:06, 23 दिसम्बर 2009 का अवतरण
रचनाकार: अनन्द बक्षी |
ऐ मुहब्बत -२
ओय ओय -२
ऐ मुहब्बत तेरी दास्तां के लिए
मैं हूँ तैयार हर इम्तेहां के लिए
जान बुलबुल की है गुलिस्तां के लिए
ऐ मुहब्बत तेरी दास्तां के...
इक शोला हूँ मैं इक बिजली हूँ मैं
आग रखकर हथेली पे निकली हूँ मैं
दुश्मनों के हर एक आशियाँ के लिए
जान बुलबुल की है ...
ये ज़माना अभी मुझको जाना नहीं
सिर कटाना है पर सिर झुकाना नहीं
मुझको मरना है अपने हिन्दुस्तां के लिए
जान बुलबुल की है ...
हर करम अपना करेंगे -२ ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए
मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू
तेरा सब कुछ मैं मेरा सब कुछ तू
हर करम अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए
और कोई भी कसम कोई भी वादा कुछ नहीं
एक बस तेरी मोहब्बत से ज्यादा कुछ नहीं कुछ नहीं
हम जियेंगे और मरेंगे ऐ सनम तेरे लिए
सबसे पहले तू है तेरे बाद हर एक नाम है
तू मेरा आग़ाज़ था तू ही मेरा अन्जाम है अन्जाम है
हम जियेंगे और मरेंगे ऐ सनम तेरे लिए
दिल दिया है जां भी ...
मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू
तेरा सब कुछ मैं मेरा सब कुछ तू
हर करम अपना करेंगे -२ ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए
तू मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू मेरा अभिमान है
ऐ वतन महबूब मेरे तुझपे दिल क़ुर्बान है
हम जियेंगे या मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जां भी देंगे ...
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई हमवतन हमनाम हैं
जो करे इनको जुदा मज़हब नहीं इल्जाम है
हम जियेंगे या मरेंगे ...
तेरी गलियों में चलाकर नफ़रतों की गोलियां
लूटते हैं सब लुटेरे दुल्हनों की डोलियां
लुट रहा है आंप वो अपने घरों को लूट कर
खेलते हैं बेखबर अपने लहू से होलियां
हम जियेंगे या मरेंगे ...