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मनखान बाज़ार में / अवतार एनगिल
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05:18, 6 नवम्बर 2009
|संग्रह=मनखान आएगा /अवतार एनगिल
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{{KKCatKavita}}
<poem>मनखान ने 'तापती' से कहा---
हे सूर्यपुत्री! तुम्हारी साड़ी अगले माह सही
इस महीने हंसा के जूते ले देते हैं
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