भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"एक बच्चे का एकालाप / अवतार एनगिल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=अन्धे कहार / अवतार एनगिल
 
|संग्रह=अन्धे कहार / अवतार एनगिल
 
}}
 
}}
<poem>भैया टी.वी.देख रहे हैं
+
{{KKCatKavita}}
 +
<poem>
 +
भैया टी.वी.देख रहे हैं
 
पिता जी अखबार पढ़ रहे हैं
 
पिता जी अखबार पढ़ रहे हैं
 
दादी मां मन्दिर जा रही है
 
दादी मां मन्दिर जा रही है

13:30, 6 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

भैया टी.वी.देख रहे हैं
पिता जी अखबार पढ़ रहे हैं
दादी मां मन्दिर जा रही है
हमारी बिल्ली बाहर धूप में सो रही है
मेरी मां
सुबह से
लगातार
लगातार
कपड़े धो रही है