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दिन गुलाब होने दो
Din gulaab hone do.jpg
रचनाकार ओम प्रकाश सारस्वत
प्रकाशक निर्मल पब्लिकेशंस,

ए-139, गली नं 3, कबीर नगर, शहादरा दिल्ली-110094

वर्ष 2004
भाषा हिन्दी
विषय गीत
विधा
पृष्ठ 103
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।

दिन

तरुवर

गुलों में गरल

बाँध सके जो

परिवेश