भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आकुल अंतर / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
पंक्ति 30: | पंक्ति 30: | ||
* [[अरे है वह शरणस्थल कहाँ / हरिवंशराय बच्चन]] | * [[अरे है वह शरणस्थल कहाँ / हरिवंशराय बच्चन]] | ||
* [[क्या है मेरी बारी में / हरिवंशराय बच्चन]] | * [[क्या है मेरी बारी में / हरिवंशराय बच्चन]] | ||
− | + | * [[मैं समय बर्बाद करता / हरिवंशराय बच्चन]] | |
+ | * [[आज ही आना तुम्हें था / हरिवंशराय बच्चन]] | ||
+ | * [[एकाकीपन भी तो न मिला / हरिवंशराय बच्चन]] | ||
+ | * [[नई यह कोई बात नहीं / हरिवंशराय बच्चन]] | ||
+ | * [[तिल में किसने ताड़ छिपाया / हरिवंशराय बच्चन]] | ||
+ | * [[कवि तू जा व्यथा यह झेल / हरिवंशराय बच्चन]] | ||
+ | * [[मुझको भी संसार मिला है / हरिवंशराय बच्चन]] | ||
* [[वह नभ कंपनकारी समीर / हरिवंशराय बच्चन]] | * [[वह नभ कंपनकारी समीर / हरिवंशराय बच्चन]] | ||
+ | |||
* [[लो दिन बीता, लो रात गयी / हरिवंशराय बच्चन]] | * [[लो दिन बीता, लो रात गयी / हरिवंशराय बच्चन]] | ||
* [[दोनों चित्र सामने मेरे / हरिवंशराय बच्चन]] | * [[दोनों चित्र सामने मेरे / हरिवंशराय बच्चन]] |
23:55, 29 सितम्बर 2009 का अवतरण
आकुल अंतर
रचनाकार | हरिवंशराय बच्चन |
---|---|
प्रकाशक | सेंट्रल बुक ड़िपो, इलाहाबाद |
वर्ष | जनवरी, १९४३ |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | ११० |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- लहर सागर का नहीं श्रृंगार / हरिवंशराय बच्चन
- मेरे साथ अत्याचार / हरिवंशराय बच्चन
- बदला ले लो सुख की घड़ियों / हरिवंशराय बच्चन
- कैसे आँसू नयन सँभालें / हरिवंशराय बच्चन
- आज आहत मान आहत प्राण / हरिवंशराय बच्चन
- जानकर अनजान बन जा / हरिवंशराय बच्चन
- कैसे भेंट तुम्हारी ले लूँ / हरिवंशराय बच्चन
- मैंने ऐसी दुनिया जानी / हरिवंशराय बच्चन
- क्षीण कितना शब्द का आधार / हरिवंशराय बच्चन
- मैं अपने से पूछा करता / हरिवंशराय बच्चन
- अरे है वह अंतस्तल कहाँ / हरिवंशराय बच्चन
- अरे है वह वक्षस्थल कहाँ / हरिवंशराय बच्चन
- अरे है वह शरणस्थल कहाँ / हरिवंशराय बच्चन
- क्या है मेरी बारी में / हरिवंशराय बच्चन
- मैं समय बर्बाद करता / हरिवंशराय बच्चन
- आज ही आना तुम्हें था / हरिवंशराय बच्चन
- एकाकीपन भी तो न मिला / हरिवंशराय बच्चन
- नई यह कोई बात नहीं / हरिवंशराय बच्चन
- तिल में किसने ताड़ छिपाया / हरिवंशराय बच्चन
- कवि तू जा व्यथा यह झेल / हरिवंशराय बच्चन
- मुझको भी संसार मिला है / हरिवंशराय बच्चन
- वह नभ कंपनकारी समीर / हरिवंशराय बच्चन