सपनों की दुनिया में जीते-जीते उन्हीं को कब कागज़ पर लिखना शुरू कर दिया पता ही न चला, सपने जब धरातल से मिले और उनका रूप बदलता चला गया ।
और दुनिया से मिले अनुभव भी मेरी गज़लों का हिस्सा बन गए ।
धीरे-धीरे साहित्य में रूचि बढ़ती चली गयी, जितना पढ़ा, उतनी ही प्यास बढ़ी और ये सफ़र अब तक निरंतर चल रहा है
तो आप भी योगदान देकर उसे हम सबके पढ़ने के लिए उपलब्ध करा सकते हैं
कविताकोश में संकलित ग़ज़लें ... http://kavitakosh.org/shrddha
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नाम=श्रद्धा जैन
उपनाम=श्रद्धा
जन्म=8 नवंबर 1977
जन्मस्थान=विदिशा मध्यप्रदेश
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शिक्षा : Msc in Chemistry, Advance Diploma in office management.
संप्रति : हिंदी अध्यापिका सिंगापुर