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"गोल फूला हुआ / गुलज़ार" के अवतरणों में अंतर

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एक नुकीली पहाड़ी यूँ जाके टिका है  
 
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जैसे ऊँगली पे मदारी ने उठा रक्खा हो गोला  
 
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फूँक से ठेलो तो पानी उतर जाएगा  
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भक से फट जाएगा फूला हुआ सूरज का ग़ुब्बारा  
 
भक से फट जाएगा फूला हुआ सूरज का ग़ुब्बारा  
छन से बुझ जाएगा इक और दहकता हुआ दिन  
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छन-से बुझ जाएगा इक और दहकता हुआ दिन  
 
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21:07, 18 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

गोल फूला हुआ ग़ुब्बारा थक कर
एक नुकीली पहाड़ी यूँ जाके टिका है
जैसे ऊँगली पे मदारी ने उठा रक्खा हो गोला
फूँक से ठेलो तो पानी में उतर जाएगा

भक से फट जाएगा फूला हुआ सूरज का ग़ुब्बारा
छन-से बुझ जाएगा इक और दहकता हुआ दिन