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"एक तस्वीर / निदा फ़ाज़ली" के अवतरणों में अंतर
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चहकते हुए मासूम गुलाब | चहकते हुए मासूम गुलाब |
19:38, 23 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण
सुबह की धूप
खुली शाम का रूप
फ़ाख़्ताओं की तरह सोच में डूबे तालाब
अज़नबी शहर के आकाश
धुंधलकों की किताब
पाठशाला में
चहकते हुए मासूम गुलाब
घर के आँगन की महक
बहते पानी की खनक
सात रंगों की धनक
तुम को देखा तो नहीं है लेकिन
मेरी तन्हाई में
ये रंग-बिरंगे मंज़र
जो भी तस्वीर बनाते हैं
वह
तुम जैसी है