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"जहीर कुरैशी / परिचय" के अवतरणों में अंतर

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अनुवाद: अनेक ग़ज़लें अंग्रेज़ी,गुजरातीमराठी,पंजाबी,आदि भाषाओं में अनूदित.
 
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०2006 में क्षितिज इंकार्पोरेटेड,अमरीका द्वारा ‘नदी के साथ दुर्घटना’ गीत पर गोपाल सिंह नेपाली स्मृति सम्मान.
 
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'''उल्लेखनीय:''' स्नातकोत्तर (एम.ए. उत्तरार्द्ध, हिन्दी) पाठ्यक्रम में सम्मिलित होने वाले देश के पहले हिन्दी गज़लकार. ‘आधुनिक काव्य’ विषय के अंतर्गत जहीर कुरेशी की बीस गज़लें उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय- जलगाँव और पाँच गजले स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा विश्वविद्यालय, नाँदेड़ में एम.ए.(उत्तरार्द्ध) हिन्दी पाठ्यक्रम के अंतर्गत निर्धारित.
स्नातकोत्तर (एम.ए. उत्तरार्द्ध, हिन्दी) पाठ्यक्रम में सम्मिलित होने वाले देश के पहले हिन्दी गज़लकार. ‘आधुनिक काव्य’ विषय के अंतर्गत जहीर कुरेशी की बीस गज़लें उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय- जलगाँव और पाँच गजले स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा विश्वविद्यालय, नाँदेड़ में एम.ए.(उत्तरार्द्ध) हिन्दी पाठ्यक्रम के अंतर्गत निर्धारित.
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''' ‘आपस में इसलिए ही भरोसे नहीं रहे’''' पंक्ति से आरम्भ होने वाली गजल शिवाजी विश्व-विद्यालय,कोल्हापुर के बी.ए.पार्ट-2 पाठ्यक्रम  में सम्मिलित.
 
''' ‘आपस में इसलिए ही भरोसे नहीं रहे’''' पंक्ति से आरम्भ होने वाली गजल शिवाजी विश्व-विद्यालय,कोल्हापुर के बी.ए.पार्ट-2 पाठ्यक्रम  में सम्मिलित.
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'''`जहीर कुरेशी की हिन्दी गजलों का कथ्य’''' विषय पर यशवंत राव चाव्हाण
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'''संपर्क''': समीर-काटेज,बी-21,सूर्यनगर, शब्द प्रताप आश्रम के पास,ग्वालियर-474012(म.प्र.)
 
'''संपर्क''': समीर-काटेज,बी-21,सूर्यनगर, शब्द प्रताप आश्रम के पास,ग्वालियर-474012(म.प्र.)

21:39, 31 अक्टूबर 2009 का अवतरण

नाम: जहीर कुरेशी

जन्म तिथि: 5 अगस्त,1950 ई०

शिक्षा: स्नातक

रचनाकाल: 1965 से अब तक ...अविराम.

लेखन की मूल विधा: हिन्दी गजल

प्रकाशित ग़ज़ल संग्रह:0 लेखनी के स्वप्न (1975)0 एक टुकड़ा धूप (1979)0 चाँदनी का दु:ख(1986)0 समंदर ब्याहने आया नहीं है (1992)0 भीड़ में सबसे अलग(2003)

अनुवाद: अनेक ग़ज़लें अंग्रेज़ी,गुजरातीमराठी,पंजाबी,आदि भाषाओं में अनूदित.

पुरस्कार एवं सम्मान: 1980 में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा ‘एक टुकड़ा धूप’ सम्मानित ०2006 में क्षितिज इंकार्पोरेटेड,अमरीका द्वारा ‘नदी के साथ दुर्घटना’ गीत पर गोपाल सिंह नेपाली स्मृति सम्मान.

उल्लेखनीय: स्नातकोत्तर (एम.ए. उत्तरार्द्ध, हिन्दी) पाठ्यक्रम में सम्मिलित होने वाले देश के पहले हिन्दी गज़लकार. ‘आधुनिक काव्य’ विषय के अंतर्गत जहीर कुरेशी की बीस गज़लें उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय- जलगाँव और पाँच गजले स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा विश्वविद्यालय, नाँदेड़ में एम.ए.(उत्तरार्द्ध) हिन्दी पाठ्यक्रम के अंतर्गत निर्धारित.

‘आपस में इसलिए ही भरोसे नहीं रहे’ पंक्ति से आरम्भ होने वाली गजल शिवाजी विश्व-विद्यालय,कोल्हापुर के बी.ए.पार्ट-2 पाठ्यक्रम में सम्मिलित.

`क्या कहे अखबार वालों से व्यथा औरत’ पंक्ति से आरम्भ होने वाली गज़ल उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय,जलगाँव के बी.ए. पार्ट -1 के पाठ्यक्रम में शामिल.

विशेष: `जहीर कुरेशी की हिन्दी गजलों का कथ्य’ विषय पर यशवंत राव चाव्हाणविश्व-विद्यालय, नासिक के अंतर्गत एम.फिल.(लघु शोध-प्रबन्ध) प्रस्तुत.जीवाजी विश्व-विद्यालय, ग्वालियर(म.प्र.) के अंतर्गत ‘समकालीन गजल के संदर्भ में जहीर कुरेशी का हिन्दी गजल साहित्य: संवेदना और शिल्प’ विषय पर पी.एच-डी. शोध जारी.

संपर्क: समीर-काटेज,बी-21,सूर्यनगर, शब्द प्रताप आश्रम के पास,ग्वालियर-474012(म.प्र.)