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− | प्रभू मोरे अवगुण चित न धरो । | + | प्रभू मोरे अवगुण चित न धरो ।<br> |
− | + | समदरसी है नाम तिहारो चाहे तो पार करो ॥<br> | |
− | समदरसी है नाम तिहारो चाहे तो पार करो ॥ | + | एक जीव एक ब्रह्म कहावे सूर श्याम झगरो ।<br> |
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अब की बेर मोंहे पार उतारो नहिं पन जात टरो ॥ | अब की बेर मोंहे पार उतारो नहिं पन जात टरो ॥ | ||
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03:16, 3 नवम्बर 2009 का अवतरण
एक काव्य मोती |
प्रभू मोरे अवगुण चित न धरो । |