भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"ख़ौफ़ / आकांक्षा पारे" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=आकांक्षा पारे |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} <Poem> मैं नहीं डरती…)
 
छो ("ख़ौफ़ / आकांक्षा पारे" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
 
(कोई अंतर नहीं)

12:06, 8 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

मैं
नहीं डरती मौत से
न डराता है मुझे उसका ख़ौफ़

मैं
नहीं डरती उसके आने के अहसास से
न डराते हैं मुझे उसके स्वप्न

मैं डरती हूं उस सन्नाटे से
जो पसरता है
घर से ज़्यादा दिलों पर

डरती हूँ उन आँसुओं से
जो दामन से ज़्यादा भिगोते हैं मन

डरती हूँ माँ के चेहरे से
जो रोएगा हर पल
मुस्कराते हुए भी।