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"तू बता ये देश भाई / अश्वघोष" के अवतरणों में अंतर
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तू बता ये देश भइये किस तरह आज़ाद है। | तू बता ये देश भइये किस तरह आज़ाद है। |
17:10, 8 नवम्बर 2009 का अवतरण
तू बता ये देश भइये किस तरह आज़ाद है।
जब कि इसका हर बशर मेरी तरह नाशाद है।
अब भी नंगा नाच घर-घर मुफ़लिसी का हो रहा,
आज भी रोटी यहाँ पर चन्द का अनुवाद है।
गर्दिशों में कर दिया था जिसने अपना सब हवन,
देख ले इन खण्डहरों में वो सदी आबाद है।
बोलने की छूट है तो बोलकर उसको दिखा,
काट लेगा वो जीभ तेरी वो बड़ा ज़ल्लाद है।
दिन-दहाड़े हो रहे अगवा हमारे हैसले,
मेरे सीने में यही तो दर्द है, असवाद है।