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"राम बिराजो हृदय भवन में / भजन" के अवतरणों में अंतर
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<poem>राम बिराजो हृदय भवन में | <poem>राम बिराजो हृदय भवन में | ||
तुम बिन और न हो कुछ मन में | तुम बिन और न हो कुछ मन में |
19:33, 13 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
राम बिराजो हृदय भवन में
तुम बिन और न हो कुछ मन में
अपना जान मुझे स्वीकारो ।
भ्रम भूलों से बेगि उबारो ।
मोह जनित संकट सब टारो ।
उलझा हूँ मैं भव बंधन में।
राम बिराजो हृदय भवन में ...
तुम जानो सब अंतरयामी ।
तुम बिन कुछ भाये ना स्वामी ।
प्रेम बेल उर अंतर जामी ।
तुम ही सार वस्तु जीवन में।
राम बिराजो हृदय भवन में ...
निज चरणों में तनिक ठौर दो ।
चाहे स्वामी कुछ न और दो ।
केवल अपनी कृपा कोर दो ।
रामामृत भर दो जीवन में।
राम बिराजो हृदय भवन में ...