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"होंगे वे कोई और / श्रीकृष्ण सरल" के अवतरणों में अंतर

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होंगे वे कोई और किनारों पर बैठे
 
होंगे वे कोई और किनारों पर बैठे
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मैं होड़ लगाया करता हूँ मझधारों से,
 
मैं होड़ लगाया करता हूँ मझधारों से,

21:00, 14 नवम्बर 2009 का अवतरण

होंगे वे कोई और किनारों पर बैठे

मैं होड़ लगाया करता हूँ मझधारों से,