भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आज, अभी इस क्षण / अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 21: | पंक्ति 21: | ||
पर अब भी बाक़ी है | पर अब भी बाक़ी है | ||
दुनिया में जीवन | दुनिया में जीवन | ||
− | |||
'''1998 | '''1998 | ||
</poem> | </poem> |
12:31, 8 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण
आज, अभी इस क्षण
बहुत उदास है मन
जैसे हृदय पर कोई
मार रहा हो घन
कहाँ गई वो रूपा
जिसका नाम गगन
छूट गया सब पीछे
हार गया हूँ रण
पर अब भी बाक़ी है
दुनिया में जीवन
1998