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"राष्ट्रीय समाचार / प्रभात त्रिपाठी" के अवतरणों में अंतर
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फिलहाल राष्ट्रीय समाचार हो गया है | फिलहाल राष्ट्रीय समाचार हो गया है | ||
और यह सदाचार का तकाजा है | और यह सदाचार का तकाजा है | ||
− | कि | + | कि आँख को अस्तित्व के आकाश से |
नीचे उतारिये | नीचे उतारिये | ||
− | और | + | और दूरदर्शन पर नजर डालिये |
− | + | वहाँ बाज़ार के यशगान में | |
− | वाणिज्य | + | वाणिज्य मंत्री न्यौता दे रहे हैं |
तरक्की के एक अदभुत चमचमाते समय को | तरक्की के एक अदभुत चमचमाते समय को | ||
− | + | जहाँ गोर्बाचेव, जार्ज बुश से हाथ मिला रहे हैं | |
और उनके समर्थन में सिर हिला रहे | और उनके समर्थन में सिर हिला रहे | ||
बिल्कुल अपने नोनी गोपाल मंडल की तरह | बिल्कुल अपने नोनी गोपाल मंडल की तरह | ||
बकौल अक्षय उपाध्याय | बकौल अक्षय उपाध्याय | ||
− | जिनकी एक नहीं, | + | जिनकी एक नहीं, पाँचों उंगलियों में |
मतदान की स्याही के निशान हैं | मतदान की स्याही के निशान हैं | ||
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02:04, 1 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण
हिंदू धर्मवाली औरत से
कोलगेट पाम ऑलिव के रास्ते से गुज़रता
यह समय
फिलहाल राष्ट्रीय समाचार हो गया है
और यह सदाचार का तकाजा है
कि आँख को अस्तित्व के आकाश से
नीचे उतारिये
और दूरदर्शन पर नजर डालिये
वहाँ बाज़ार के यशगान में
वाणिज्य मंत्री न्यौता दे रहे हैं
तरक्की के एक अदभुत चमचमाते समय को
जहाँ गोर्बाचेव, जार्ज बुश से हाथ मिला रहे हैं
और उनके समर्थन में सिर हिला रहे
बिल्कुल अपने नोनी गोपाल मंडल की तरह
बकौल अक्षय उपाध्याय
जिनकी एक नहीं, पाँचों उंगलियों में
मतदान की स्याही के निशान हैं