"दोस्ती / गुड़िया हमसे रूठी रहोगी" के अवतरणों में अंतर
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+ | देखो गुप्-चुप् आँखो से झांके | ||
+ | तुम्हारी हंसी | ||
+ | गुप्-चुप् आँखो से झांके ) -२ | ||
+ | फिर् भी | ||
+ | अंखीयाँ बन्द् करोगी | ||
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+ | कब् तक् ना हसोगी | ||
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+ | ( अभी-अभी आँखो से छलके | ||
+ | अभी कुछ्-कुछ् होठों पे झलके | ||
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+ | कुछ्-कुछ् होठों पे झलके ) -२ | ||
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+ | मुख् पे हाथ् धरोगी | ||
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+ | कब् तक् ना हंसोगी | ||
+ | ( देखो जी किरन् सि लहराई | ||
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+ | हमसे रुठी रहोगी | ||
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15:21, 1 दिसम्बर 2009 का अवतरण
रचनाकार् - मजरु सुलतानपुरी
( गुडिया
हमसे रुठी रहोगी
कब् तक् ना हंसोगी
देखो जी कीरन् सी लहर् आ ई
आ ई रे आ ई रे हंसी आ ई
देखो जी कीरन् सी लहर् आ ई
आ ई रे आ ई रे हंसी आ ई ) - 2
गुडिया
( झुकी-झुकी पलकों मे आ के
देखो गुप्-चुप् आँखो से झांके
तुम्हारी हंसी
गुप्-चुप् आँखो से झांके ) -२
फिर् भी
अंखीयाँ बन्द् करोगी
कब् तक् ना हसोगी
देखो जी कीरन् सी लहर् आ ई
आ ई रे आ ई रे हंसी आ ई ) - 2
गुडिया
( अभी-अभी आँखो से छलके
अभी कुछ्-कुछ् होठों पे झलके
तुम्हारी हंसी
कुछ्-कुछ् होठों पे झलके ) -२
फिर् भी
मुख् पे हाथ् धरोगी
कब् तक् ना हंसोगी
( देखो जी किरन् सि लहराई
आ ई रे आ ई रे हंसी आ ई ) -२
गुडिया
हमसे रुठी रहोगी
कब् तक् ना हसोगी
( देखो जि किरन् सि लहराई
आ ई रे आ ई रे हंसी आ ई ) -२