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"बॉर्डर / मेरे दुश्मन मेरे भाई" के अवतरणों में अंतर

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जंग तो चंद रोज होती है - 2, जिन्दगी वर्षों  तलक रोती है  
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जंग तो चंद रोज होती है - 2, जिन्दगी वर्षों  तलक रोती है<br /> <br />
  
सन्नाटे की गहरी छाँव, ख़ामोशी से जलते गाँव  
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सन्नाटे की गहरी छाँव, ख़ामोशी से जलते गाँव<br />
ये नदियों पर टूटे हुए पुल, धरती घायल ओर मन व्याकुल
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ये नदियों पर टूटे हुए पुल, धरती घायल ओर मन व्याकुल<br />
ये खेत ग़मों से झुलसे हुए, ये खाली रस्ते सहमे हुए
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ये खेत ग़मों से झुलसे हुए, ये खाली रस्ते सहमे हुए<br />
ये मातम करता सारा समां, ये जलते घर ये काला धुआं -२
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ये मातम करता सारा समां, ये जलते घर ये काला धुआं -२<br />
ओ ओ ओ हो हो..
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ओ ओ ओ हो हो..<br /> <br />
  
मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये -२  
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मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये -२ <br />
मुझे से तुझ से, हम दोनों से ये जलते घर कुछ कहते हैं
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मुझे से तुझ से, हम दोनों से ये जलते घर कुछ कहते हैं <br />
बर्बादी के सारे मंजर कुछ कहते हैं, हाय.. अ   
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बर्बादी के सारे मंजर कुछ कहते हैं, हाय.. अ  <br />
मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाए.. ओ ओ हो..  हो हो हो  
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मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाए.. ओ ओ हो..  हो हो हो <br /> <br />
  
बारूद से बोझल सारी फिजा, है मोत की बू फैलाती हवा
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बारूद से बोझल सारी फिजा, है मोत की बू फैलाती हवा <br />
जख्मो पे है छाई लाचारी, कलियों में है फिरती बीमारी  
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जख्मो पे है छाई लाचारी, कलियों में है फिरती बीमारी   <br />
ये मरते बच्चे हाथो में, ये माओं का रोना रातों में
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ये मरते बच्चे हाथो में, ये माओं का रोना रातों में   <br />
मुर्दा बस्ती मुर्दा है नगर, चेहरे पत्थर हैं दिल पत्थर -२,  
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मुर्दा बस्ती मुर्दा है नगर, चेहरे पत्थर हैं दिल पत्थर -२, <br />
हो ओ ओ हो हो हो  
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हो ओ ओ हो हो हो   <br /> <br />
  
मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये -२
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मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये -२   <br />
मुझे से तुझ से, हम दोनों से, सुन ये पत्थर कुछ कहते हैं
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मुझे से तुझ से, हम दोनों से, सुन ये पत्थर कुछ कहते हैं   <br />
बर्बादी के सारे मंजर कुछ कहते हैं, हाय  
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बर्बादी के सारे मंजर कुछ कहते हैं, हाय     <br />
मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये. हो हो हो ...ओ  हो हो हो ओ
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मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये. हो हो हो ...ओ  हो हो हो ओ   <br /> <br />
  
मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये
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मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये     <br />
चेहरों के, दिलों के ये पत्थर, ये जलते घर
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चेहरों के, दिलों के ये पत्थर, ये जलते घर   <br />
बर्बादी के सारे मंजर, सब मेरे नगर सब तेरे  नगर, ये कहते हैं
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बर्बादी के सारे मंजर, सब मेरे नगर सब तेरे  नगर, ये कहते हैं   <br />
इस सरहद पर फुन्कारेगा कब तक नफरत का ये अजगर -२
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इस सरहद पर फुन्कारेगा कब तक नफरत का ये अजगर -२   <br />
हम अपने अपने खेतो में, गेहू की जगह चावल की जगह  
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हम अपने अपने खेतो में, गेहू की जगह चावल की जगह   <br />
ये बन्दुखे क्यों बोते हैं,  
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ये बन्दुखे क्यों बोते हैं, <br />
जब दोनों ही की गलियों में, कुछ भूखे बच्चे रोते हैं -२
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जब दोनों ही की गलियों में, कुछ भूखे बच्चे रोते हैं -२   <br />
आ खाएं कसम  अब जंग नहीं होने पाए -2
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आ खाएं कसम  अब जंग नहीं होने पाए -2 <br />
ओर उस दिन का रस्ता देंखें,  
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ओर उस दिन का रस्ता देंखें,   <br />
जब खिल उठे तेरा भी  चमन, जब खिल उठे मेरा भी चमन
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जब खिल उठे तेरा भी  चमन, जब खिल उठे मेरा भी चमन   <br />
तेरा भी वतन मेरा भी वतन, मेरा भी वतन तेरा भी वतन
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तेरा भी वतन मेरा भी वतन, मेरा भी वतन तेरा भी वतन   <br />
तेरा भी वतन मेरा भी वतन ओ ओ ओ हो हो ओ  
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तेरा भी वतन मेरा भी वतन ओ ओ ओ हो हो ओ     <br />
मेरे दोस्त, मेरे भाई, मेरे हमसाये -२
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मेरे दोस्त, मेरे भाई, मेरे हमसाये -२   <br />

23:58, 17 दिसम्बर 2009 का अवतरण

जंग तो चंद रोज होती है - 2, जिन्दगी वर्षों तलक रोती है

सन्नाटे की गहरी छाँव, ख़ामोशी से जलते गाँव
ये नदियों पर टूटे हुए पुल, धरती घायल ओर मन व्याकुल
ये खेत ग़मों से झुलसे हुए, ये खाली रस्ते सहमे हुए
ये मातम करता सारा समां, ये जलते घर ये काला धुआं -२
ओ ओ ओ हो हो..

मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये -२
मुझे से तुझ से, हम दोनों से ये जलते घर कुछ कहते हैं
बर्बादी के सारे मंजर कुछ कहते हैं, हाय.. अ
मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाए.. ओ ओ हो.. हो हो हो

बारूद से बोझल सारी फिजा, है मोत की बू फैलाती हवा
जख्मो पे है छाई लाचारी, कलियों में है फिरती बीमारी
ये मरते बच्चे हाथो में, ये माओं का रोना रातों में
मुर्दा बस्ती मुर्दा है नगर, चेहरे पत्थर हैं दिल पत्थर -२,
हो ओ ओ हो हो हो

मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये -२
मुझे से तुझ से, हम दोनों से, सुन ये पत्थर कुछ कहते हैं
बर्बादी के सारे मंजर कुछ कहते हैं, हाय
मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये. हो हो हो ...ओ हो हो हो ओ

मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये
चेहरों के, दिलों के ये पत्थर, ये जलते घर
बर्बादी के सारे मंजर, सब मेरे नगर सब तेरे नगर, ये कहते हैं
इस सरहद पर फुन्कारेगा कब तक नफरत का ये अजगर -२
हम अपने अपने खेतो में, गेहू की जगह चावल की जगह
ये बन्दुखे क्यों बोते हैं,
जब दोनों ही की गलियों में, कुछ भूखे बच्चे रोते हैं -२
आ खाएं कसम अब जंग नहीं होने पाए -2
ओर उस दिन का रस्ता देंखें,
जब खिल उठे तेरा भी चमन, जब खिल उठे मेरा भी चमन
तेरा भी वतन मेरा भी वतन, मेरा भी वतन तेरा भी वतन
तेरा भी वतन मेरा भी वतन ओ ओ ओ हो हो ओ
मेरे दोस्त, मेरे भाई, मेरे हमसाये -२