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"बच्चे तुम अपने घर जाओ / गगन गिल" के अवतरणों में अंतर
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बच्चे तुम अपने घर जाओ | बच्चे तुम अपने घर जाओ | ||
घर कहीं नहीं है | घर कहीं नहीं है | ||
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माँ कहीं नहीं है | माँ कहीं नहीं है | ||
− | पिता के वीर्य में जाओ | + | पिता के वीर्य में जाओ, |
पिता कहीं नहीं है | पिता कहीं नहीं है | ||
− | तो माँ के गर्भ में जाओ | + | तो माँ के गर्भ में जाओ, |
गर्भ का अण्डा बंजर | गर्भ का अण्डा बंजर | ||
तो मुन्ना झर जाओ तुम | तो मुन्ना झर जाओ तुम |
16:00, 1 जून 2010 के समय का अवतरण
बच्चे तुम अपने घर जाओ
घर कहीं नहीं है
तो वापस कोख में जाओ,
माँ कहीं नहीं है
पिता के वीर्य में जाओ,
पिता कहीं नहीं है
तो माँ के गर्भ में जाओ,
गर्भ का अण्डा बंजर
तो मुन्ना झर जाओ तुम
उसकी माहावारी में
जाती है जैसे उसकी
इच्छा संडास के नीचे
वैसे तुम भी जाओ
लड़की को मुक्त करो अब
बच्चे तुम अपने घर जाओ