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तुलना / मृत्यु-बोध / महेन्द्र भटनागर
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|संग्रह=मृत्यु-बोध / महेन्द्र भटनागर
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शिव में
शव में
अन्तर है मात्रा इकार का
(तीसरे वर्ण वार का।)
शिव —
मंगलकारी है
सुख झड़ता है !
शव —
अनिष्ट-सूचक
केवल सड़ता है !
शिव के तीन नेत्र हैं,
शव अंधा है!
शव अंधा है !
कैसा गोरखधंधा है ?
</poem>
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