भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"दाख़िल-ओ- खारिज़ / शीन काफ़ निज़ाम" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शीन काफ़ निज़ाम |संग्रह=सायों के साए में / शीन का…) |
|||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|संग्रह=सायों के साए में / शीन काफ़ निज़ाम | |संग्रह=सायों के साए में / शीन काफ़ निज़ाम | ||
}} | }} | ||
− | {{ | + | {{KKCatNazm}} |
<poem> | <poem> | ||
जाने कितने जन्मों के जज़ीरे | जाने कितने जन्मों के जज़ीरे |
11:13, 10 जनवरी 2010 के समय का अवतरण
जाने कितने जन्मों के जज़ीरे
अभी हमारे आगे हैं
क्या यूँ ही अंधे अक़ीदे हर बार
इस्तक़बाल को सामने आयेंगे
हमें भी शायद अब तक
सुकून का इंतज़ार करना पड़ेगा
जब तक
हमारे अन्दर का कुहरा
बाहर के सन्नाटे में
घुल -मिल नहीं जाता