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"पिता-2 / रंजना जायसवाल" के अवतरणों में अंतर
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चट्टान की तरह | चट्टान की तरह |
01:05, 19 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
चट्टान की तरह
दिखते थे
मेरे पिता...
उस चट्टान की
किसी परत में
नम सोता भी था
जो उनके शरीर से
पसीने के रूप में
बहा करता था
और
आज मेरी आँखों से
रिसता है...।