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न करिये माण वतानां दा  
 
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असीं हाँ लाल परदेसी
 
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तू सच सच आख वे जोगी  
 
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सजन मिलसी के न मिलसी
 
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मिलन होसी के न होसी,  
 
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अधी राती दुपट्टा रंगया
 
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न माही आया न किली टंगया  
 
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तू सच सच आख वे जोगी  
 
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सजन मिलसी के न मिलसी
 
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मिलन होसी के न होसी,  
 
मिलन होसी के न होसी,  
  

05:35, 2 फ़रवरी 2010 का अवतरण

पंजाबी लोकगीत

[[तू सच सच आख वे जोगी,

सजन मिलसी के न मिलसी.,

मिलन होसी के न होसी,

न करिये माण वतानां दा

असीं हाँ लाल परदेसी

तू सच सच आख वे जोगी

सजन मिलसी के न मिलसी

मिलन होसी के न होसी,

अधी राती दुपट्टा रंगया

न माही आया न किली टंगया

तू सच सच आख वे जोगी

सजन मिलसी के न मिलसी

मिलन होसी के न होसी,

अधी राती पकन केले

विच्छ्डयाँ नूं रब आप सेले

तू सच सच आख वे जोगी

सजन मिलसी के न मिलसी

मिलन होसी के न होसी,


अधी राती पकन आडू

वगण नदियाँ तरण तारु

तू सच सच आख वे जोगी

सजन मिलसी के न मिलसी

मिलन होसी के न होसी,

अधी राती चमकण तारे

जुदाई वाले तीर सानुं किस मारे

न तुसां मारे न असां मारे

मारण वाला प्रभु आप जाणे

तू सच सच आख वे जोगी

सजन मिलसी के न मिलसी

मिलन होसी के न होसी,]]