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"मैं चली पिया पेकड़े / पंजाबी" के अवतरणों में अंतर

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दिल का हाल सुने दिलवाला<br />
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{{KKGlobal}}
सीधी सी बात न मिर्च मसाला<br />
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{{KKLokRachna
कहके रहेगा कहनेवाला<br />
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|रचनाकार=
दिल का हाल सुने दिलवाला<br />
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|भाषा=पंजाबी
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<poem>
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मैं चली पिया पेकड़े
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तुसी मगरे ही आ जाइओ
  
छोटे से घर में गरीब का बेटा<br />
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मैं ता मिलांगी उत्थे बेबे जी नू
मैं भी हूँ माँ के नसीब का बेटा (२)<br />
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तुसी बापू जी नु मिल आइओ
रंज-ओ-ग़म बचपन के साथी<br />
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आँधियों में जली जीवन बाती<br />
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भूख ने हैं बड़े प्यार से पाला<br />
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दिल का हाल सुने दिलवाला<br />
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(हाय करूँ क्या सूरत ऐसी<br />
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मगरों करयोजी तुसी पेरीपैणा
गांठ के पूरे चोर के जैसी - २)<br />
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पहलां लै जाणा सुणा आइयो
चलता फिरता जानके एक दिन<br />
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बिना देखे पहचान के एक दिन<br />
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बांध के ले गया पुलिसवाला<br />
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दिल का हाल सुने दिलवाला<br />
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बूढ़े दारोगा ने चश्मे से देखा (२)<br />
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मैं कहूँगी जी मैं नहीं जाना
आगे से देखा पीछे से देखा<br />
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किते छड्ड के ना जाइओ
ऊपर से देखा नीचे से देखा<br />
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बोला ये क्या कर बैठे घोटाला<br />
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हाय ये क्या कर बैठे घोटाला<br />
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ये तो है थानेदार का साला, <br />
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दिल का हाल सुने दिलवाला<br />
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ग़म से अभी आज़ाद नहीं मैं<br />
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थोड़ा बहुता उत्थे मैं रोऊँगी वी
ख़ुश हूँ मगर आबाद नहीं मैं (२)<br />
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तुसी ऐंवीं ना घबरा जाइओ
मंज़िल मेरे पास खड़ी है<br />
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</poem>
पाँव में लेकिन बेड़ी पड़ी है<br />
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टांग अढा़ता है दौलतवाला, <br />
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दिल का हाल सुने दिलवाला<br />
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सुन लो मगर ये किसी से न कहना<br />
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तिनके का लेके सहारा न बहना (२)<br />
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बिन मौसम मलहार न गाना<br />
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आधी रात को मत चिल्लाना<br />
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वरना पकड़ लेगा पुलिसवाला<br />
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दिल का हाल सुने दिलवाला<br />
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00:47, 2 मार्च 2010 का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

मैं चली पिया पेकड़े
तुसी मगरे ही आ जाइओ

मैं ता मिलांगी उत्थे बेबे जी नू
तुसी बापू जी नु मिल आइओ

मगरों करयोजी तुसी पेरीपैणा
पहलां लै जाणा सुणा आइयो

मैं कहूँगी जी मैं नहीं जाना
किते छड्ड के ना जाइओ

थोड़ा बहुता उत्थे मैं रोऊँगी वी
तुसी ऐंवीं ना घबरा जाइओ