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असमानों उत्तरी इल्ल वे (ढोला) / पंजाबी
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22:51, 25 फ़रवरी 2010
|भाषा=पंजाबी
}}
<poem>
* असमानों उत्तरी इल्ल वे
तेरा केहड़ी कुड़ी उत्ते दिल वे
सभ्भे ने कुआरियाँ, जीवें ढोला !
ओ सजना ! ओ मक्खन !
परदेसीओं का दिल राज़ी रखना !'
</poem>
Sandeep Sethi
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