"गोरी दियां झान्जरां / पंजाबी" के अवतरणों में अंतर
छो (गोरी दियां झान्जरां, पंजाबी का नाम बदलकर गोरी दियां झान्जरां / पंजाबी कर दिया गया है) |
|
(कोई अंतर नहीं)
|
15:28, 27 फ़रवरी 2010 का अवतरण
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
गोरी दियां झान्जरां बुलौन्दिया गैयाँ...
गोरी दियां ,
गलियां दे विच दंड पौन्दियाँ गैयाँ...
गोरी दियां .
अथरी जवानी गल्लां पयी दसदी ,
माह़ी गुसे हो गया न गल वस दी ,
राह जांदे राहियाँ नू सुनौन्दिया गैयाँ .
गोरी दियां ............................................. ...!
काले जे दुपट्टे ने की पयेई नीर नी ,
घुण्ड विच नैन ओहदे लए घेर ने ,
मित्रां दा दिल तदपौन्दिया गैयाँ .
गोरी दियन ...................................!
सान्बे जाण नखरे न अंग अंग दे ,
वीणी उठे नाच्दे बिलोरी रंद गे ,
अशिका दे लहू च नहौन्दिया गयेइअण .
गोरी दियां .........................................!
सांब के तू रख लै ननाने गोरिये,
रूप दा सिंगार जालीदार डोरिये,
नूरपुरी कोल शर्माऊ नदीय गेयान
गोरी दियां झंज्रण ...........................!
गलियां दे विच दंड पौन्दिया गयें