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00:19, 8 मार्च 2010 का अवतरण
सप्ताह की कविता | शीर्षक : औरत की ज़िन्दगी रचनाकार: रघुवीर सहाय |
कई कोठरियाँ थीं कतार में उनमें किसी में एक औरत ले जाई गई थोड़ी देर बाद उसका रोना सुनाई दिया उसी रोने से हमें जाननी थी एक पूरी कथा उसके बचपन से जवानी तक की कथा