भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अच्छे दिन / एकांत श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: अच्छे दिन खरगोन हैं<br /> लौटेंगे<br /> हरी दूब पर<br /> उछलते-कूदते<br /> और ह…) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | अच्छे दिन | + | अच्छे दिन खरगोश हैं<br /> |
लौटेंगे<br /> | लौटेंगे<br /> | ||
हरी दूब पर<br /> | हरी दूब पर<br /> |
14:57, 24 अप्रैल 2010 का अवतरण
अच्छे दिन खरगोश हैं
लौटेंगे
हरी दूब पर
उछलते-कूदते
और हम
गोद में लेकर
उन्हें प्यार करेंगे
अच्छे दिन पक्षी हैं
उतरेंगे
हरे पेड़ों की
सबसे ऊंची फुनगियों पर
और हम
बहेलिये के जाल से
उन्हें सचेत करेंगे
अच्छे दिन दोस्त हैं
मिलेंगे
याञा के किसी मोड़ पर
और हम
उनसे कभी न बिछुड़ने का
वादा करेंगे.