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"कितने दिए बुझाये होंगे / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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11:26, 22 मई 2010 का अवतरण


कितने दिए बुझाए होंगे
तब साजन घर आये होंगे

नाहक प्यार का दम भरना है
कल ये बोल पराये होंगे

साज सभी ने छेडा, लेकिन
सुर में हमीं रह पाये होंगे

हैरत है जब तक न मिले थे
हम क्या करते आये होंगे

इतने लाल गुलाब कहाँ थे!
तुमने नयन मिलाये होंगे