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"और यह मिट्टी है हैरान / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर

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और यह मिट्टी है हैरान
 
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देखकर तेरे अमित प्रयोग,
 
 
मिटाता तू इसको हरबार,
 
मिटाता तू इसको हरबार,
 
 
मिटाने का इसका तो ढोंग,
 
मिटाने का इसका तो ढोंग,
  
 
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अभी तो तेरी रुचि के योग्‍य
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नहीं इसका कोई आकार,
 
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अभी तो जाने कितनी बार
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मिटेगा बन-बनकर संसार!
 
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:::मिटेगा बन-बनकर संसार!
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20:08, 25 जुलाई 2020 के समय का अवतरण

और यह मिट्टी है हैरान
देखकर तेरे अमित प्रयोग,
मिटाता तू इसको हरबार,
मिटाने का इसका तो ढोंग,

अभी तो तेरी रुचि के योग्‍य
नहीं इसका कोई आकार,
अभी तो जाने कितनी बार
मिटेगा बन-बनकर संसार!