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"कौन अब सुनेगा ये गीत!/ गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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कौन अब सुनेगा ये गीत! | कौन अब सुनेगा ये गीत! | ||
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वन में ज्यों लगी आग | वन में ज्यों लगी आग | ||
डर-डर कर रहे भाग | डर-डर कर रहे भाग | ||
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काल जिसे लिखता है | काल जिसे लिखता है | ||
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जीवन सपने-सा रहा बीत | जीवन सपने-सा रहा बीत | ||
− | क्षीण तड़ित रेखा है | + | क्षीण तड़ित-रेखा है |
शेष कुल अदेखा है | शेष कुल अदेखा है | ||
आगे नीलाभ, मौन, शीत | आगे नीलाभ, मौन, शीत | ||
कौन अब सुनेगा ये गीत! | कौन अब सुनेगा ये गीत! | ||
− | एक-एक | + | एक-एक करके जा रहे हैं सभी मीत |
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03:21, 22 जुलाई 2011 का अवतरण
कौन अब सुनेगा ये गीत!
एक-एक करके जा रहे हैं सभी मीत
वन में ज्यों लगी आग
डर-डर कर रहे भाग
विहगों के दल विकल, सभीत
काल जिसे लिखता है
पृष्ठ शून्य दिखता है
जीवन सपने-सा रहा बीत
क्षीण तड़ित-रेखा है
शेष कुल अदेखा है
आगे नीलाभ, मौन, शीत
कौन अब सुनेगा ये गीत!
एक-एक करके जा रहे हैं सभी मीत