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"मन रसखान हुआ / विजय वाते" के अवतरणों में अंतर

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तुझ पे कुर्बान हुआ,
 
तुझ पे कुर्बान हुआ,

08:47, 11 जून 2010 का अवतरण

तुझ पे कुर्बान हुआ,
मन रस खान हुआ|

जाना जब नाम तेरा,
खुद अपना ज्ञान हुआ|

आकार तीरे लैब पर,
ये गीत अज़ान हुआ|

उल्लेख तेरा जिसमें,
वो शेर दीवान हुआ|

तुझको चाहा भर था,
कितना तूफान हुआ |