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13:13, 9 जुलाई 2010 के समय का अवतरण
स्त्रियाँ हैं इसलिए
फूटता है हरा रंग वृक्षों से
उड़ रहे सुग्गे से
स्त्रियाँ हैं इसलिए
शब्द हैं वाक्य हैं छन्द हैं
विधियाँ हैं सिद्धियाँ हैं
भाद्रपद हैं चैत्र है
इसलिए अचरज है
अंकुर हैं फूटने को आतुर ।