भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"थोडी सी कच्ची जगह / निशान्त" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= मनोज श्रीवास्तव |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> ''' थोडी सी …) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
− | |रचनाकार= | + | |रचनाकार= निशांत |
|संग्रह= | |संग्रह= | ||
}} | }} | ||
पंक्ति 17: | पंक्ति 17: | ||
उस पर घर का बच्चा | उस पर घर का बच्चा | ||
खेल रहा है | खेल रहा है | ||
− | + | कई दिनों से | |
अनेक खिलौनों | अनेक खिलौनों | ||
और बैट-बाल के | और बैट-बाल के |
15:24, 21 जुलाई 2010 का अवतरण
थोडी सी कच्ची जगह
पक्के आंगन के बीच
फुट बाई फुट की जो
कच्ची जगह छोड दी थी हमने
कोई न कोई
हरियाली रोपने के लिए
उस पर घर का बच्चा
खेल रहा है
कई दिनों से
अनेक खिलौनों
और बैट-बाल के
बावज़ूद
कितनी बडी नेमत है
बच्चे के लिए
यह थोडी सी कच्ची जगह।