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"गुड़िया-4 / नीरज दइया" के अवतरणों में अंतर

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<poem>मेरा चूमना
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और तुम्हारा
 
और तुम्हारा
 
खुद को यूँ
 
खुद को यूँ

06:19, 16 मई 2013 का अवतरण

मेरा चूमना
और तुम्हारा
खुद को यूँ
हवाले कर देना ।

मेरा गले लगाना
और तुम्हारा
खुद को बेसहारा
छोड़ देना ।

प्यारा में तुम
क्यों बन जाती हो
मेरी गुड़िया !