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"अब जुनू कब किसी के बस में है / जॉन एलिया" के अवतरणों में अंतर

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अब जुनू कब किसी के बस में है  
+
अब जुनूँ कब किसी के बस में है  
उसकी खुशबू नफ़स-नफ़स में है  
+
उसकी ख़ु
 +
शबू नफ़स-नफ़स में है  
  
 
हाल उस सैद का सुनाईए क्या  
 
हाल उस सैद का सुनाईए क्या  
जिसका सैयाद खुद कफस में है  
+
जिसका सैयाद ख़ुद
 +
क़फ़
 +
में है  
  
 
क्या है गर ज़िन्दगी का बस न चला
 
क्या है गर ज़िन्दगी का बस न चला
 
ज़िन्दगी कब किसी के बस में है
 
ज़िन्दगी कब किसी के बस में है
  
गैर से रहियो तू ज़रा होशियार  
+
ग़ैर
वो तेरे ज़िस्म की हवस में है  
+
से रहियो तू ज़रा होशियार  
 +
वो तेरे जि
 +
स्म की हवस में है  
  
बाशक्स्ता बड़ा हुआ हूँ मगर  
+
बाशिकस्ता
दिल किसी नगमा-ए-जरस में है  
+
बड़ा हुआ हूँ मगर  
 +
दिल किसी नग़्मा-ए-जरस में है  
  
 
'जॉन' हम सबकी दस्त-रस में है  
 
'जॉन' हम सबकी दस्त-रस में है  
 
वो भला किसकी दस्त-रस में है  
 
वो भला किसकी दस्त-रस में है  
 
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12:57, 1 अगस्त 2010 का अवतरण

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अब जुनूँ कब किसी के बस में है
उसकी ख़ु
शबू नफ़स-नफ़स में है

हाल उस सैद का सुनाईए क्या
जिसका सैयाद ख़ुद
 क़फ़
स में है

क्या है गर ज़िन्दगी का बस न चला
ज़िन्दगी कब किसी के बस में है

ग़ैर
 से रहियो तू ज़रा होशियार
वो तेरे जि
स्म की हवस में है

बाशिकस्ता
 बड़ा हुआ हूँ मगर
दिल किसी नग़्मा-ए-जरस में है

'जॉन' हम सबकी दस्त-रस में है
वो भला किसकी दस्त-रस में है