भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"अज्ञेय से / शमशेर बहादुर सिंह" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=कुछ कविताएँ / शमशेर बहादुर सिंह
 
|संग्रह=कुछ कविताएँ / शमशेर बहादुर सिंह
 
}}
 
}}
 +
{{KKCatKavita‎}}
 +
<poem>
 
जो नहीं है
 
जो नहीं है
 
 
जैसे कि सुरुचि
 
जैसे कि सुरुचि
 
 
उसका ग़म क्या?
 
उसका ग़म क्या?
 
 
वह नहीं है ।
 
वह नहीं है ।
 
  
 
किससे लड़ना ?
 
किससे लड़ना ?
 
  
 
रुचि तो है  शांति,
 
रुचि तो है  शांति,
 
 
स्थिरता,
 
स्थिरता,
 
 
काल-क्षण में
 
काल-क्षण में
 
 
एक सौन्दर्य की
 
एक सौन्दर्य की
 
 
मौन अमरता ।
 
मौन अमरता ।
 
 
अस्थिर क्यों होना
 
अस्थिर क्यों होना
 
 
फिर ?
 
फिर ?
 
  
 
जो है
 
जो है
 
 
उसे ही क्यों न संजोना ?
 
उसे ही क्यों न संजोना ?
 
 
उसी के क्यों न होना ?-
 
उसी के क्यों न होना ?-
 
 
जो कि है ।
 
जो कि है ।
 
  
 
जो नहीं है
 
जो नहीं है
 
 
जैसे कि सुरुचि
 
जैसे कि सुरुचि
 
 
उसका ग़म क्या ?
 
उसका ग़म क्या ?
 
 
वह नहीं है ।
 
वह नहीं है ।
  
  
('प्रतिनिधि कविताएं' नामक संग्रह से )
+
('प्रतिनिधि कविताएँ' नामक संग्रह से )

23:19, 28 मार्च 2011 के समय का अवतरण

जो नहीं है
जैसे कि सुरुचि
उसका ग़म क्या?
वह नहीं है ।

किससे लड़ना ?

रुचि तो है शांति,
स्थिरता,
काल-क्षण में
एक सौन्दर्य की
मौन अमरता ।
अस्थिर क्यों होना
फिर ?

जो है
उसे ही क्यों न संजोना ?
उसी के क्यों न होना ?-
जो कि है ।

जो नहीं है
जैसे कि सुरुचि
उसका ग़म क्या ?
वह नहीं है ।


('प्रतिनिधि कविताएँ' नामक संग्रह से )