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"मायनो चावूं म्हैं / नीरज दइया" के अवतरणों में अंतर

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<poem>सूरज चांद री गुड़कती दड़ियां सूं
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सूरज चांद री गुड़कती दड़ियां सूं
 
नीं रीझूंला म्हैं
 
नीं रीझूंला म्हैं
 
मयनो चावूं म्हैं
 
मयनो चावूं म्हैं

01:47, 24 अक्टूबर 2010 का अवतरण

सूरज चांद री गुड़कती दड़ियां सूं
नीं रीझूंला म्हैं
मयनो चावूं म्हैं
कै शेषनाग रै फण माथै है
का किणी बळद रै सींगां माथै
आ धरती

मायनो चावूं म्हैं
कै म्हारी जड़ां जमी मांय है
का आभै मांय किणी डोर सूं
बंध्योड़ो हूं म्हैं ।

मायनो चावूं म्हैं
कै किणी रिधरोही भटकूंला
का पंख लगा उडूंला आभै मांय
किणी बीजै री आंख सूं

मायनो चावूं म्हैं
कै किणी पुटियै काकै री टांगां माथै है
का किणी किसन री आंगळी माथै
ओ आभो
बिरखा-बादळी का इंदरधनख सूं
नीं रीझूंला म्हैं
मायनो चावूं म्हैं