भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"स्वर्ण के शतदल कलश / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=कुहकी कोयल खड़े पेड़ …)
 
छो ("स्वर्ण के शतदल कलश / केदारनाथ अग्रवाल" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
 
(कोई अंतर नहीं)

12:50, 9 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

गल गई है भयावनी भीमामूर्ति
असित रात की
स्वराट सूर्य के प्राथमिक प्रकाश
को छूकर
प्रारम्भ हो गया है स्वस्तिवाचन
सरल संगीत का
सुख ने रच लिए हैं
सरवर सलिल पर
स्वर्ण के शतदल कलश

रचनाकाल: २५-१२-१९६१