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"मुरधर म्हारो देश / कानदान कल्पित" के अवतरणों में अंतर

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(नया पृष्ठ: <poem>मखमल बेळू रेत,रमै नित राम जठै । मुरधर म्हारो देश,झोरडो़ गांव जठ…)
 
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<poem>मखमल बेळू रेत,रमै नित राम जठै ।
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मखमल बेळू रेत,रमै नित राम जठै ।
 
मुरधर म्हारो देश,झोरडो़ गांव जठै ॥
 
मुरधर म्हारो देश,झोरडो़ गांव जठै ॥
 
 
 
 

11:40, 1 नवम्बर 2010 का अवतरण

मखमल बेळू रेत,रमै नित राम जठै ।
मुरधर म्हारो देश,झोरडो़ गांव जठै ॥
 
सोनै जैडी़  रेत मसळता हाथां में
राजी हूता नांख दो मुट्ठी माथां में
रमता कान्ह गुवाळ बण्योडा़ खेतां में
जीवण रा चित्राम मंड़योडा़ रेतां में
मुळकै मूक सजीव,.पड़या सैनाण जठै ।
मुरधर म्हारो देश,झोरडो़ गांव जठै ॥
 
नामी नगर नागौर नगीणा न्यारा है
भारत-भर में एक चमकता तारा है
जोधाणै नर तेज जियां तलवारां है
बीकाणा सिर मौड़ फ़णी फ़ुंफ़कारां है
जौहर जैसलमेर ,ज़बर झुंझार जठै ।
मुरधर म्हारो देश,झोरडो़ गांव जठै ॥
 
जंगी गढ़ चितौड़ धाक रणधीरां री
जगत सिरोमणी धाम,पदमणी मीरां री
अमर,अज़र,अज़मेर हाकमी पीरां री
जैपर गुलाबी सैर हार लड़ हीरां री
जंतर-मंतर म्हैल,माळिया और कठै।
मुरधर म्हारो देश,झोरडो़ गांव जठै ॥
 
ऊंचो गढ़ गिगनार आबू हज़ारां में
लागै भीड़ अपार धूम बज़ारां में
कोटा,बूंदी चमक चांदणी तारां में
मस्त नज़ारा देख,चंबल री धारां में
पग-पग पर घनघोर,घुरया घमसाण जठै।
मुरधर म्हारो देश,झोरडो़ गांव जठै ॥
 
खेत,करम,नितनेम,धरम री पोथी है
साथी है हळ,बैल,पसुधन गोती है
फ़टी-पुराणी पाग,ऊंची-सी धोती है
कामगरा,किरसाण,जागती जोती है
जीवै मैणत पाण,मानवी देख जठै।
मुरधर म्हारो देश,झोरडो़ गांव जठै ॥
 
जीवण रो आधार,एक ही खेती है
बिरखा म्हारै देस सदा कम होती है
बरसै सावण मास अणंद कर देती है
बाज़र,मोठ,गुंवार,मूंग-कण मोती है
काचर,बोर,मतीर,मेवा मिस्टाण जठै ।
मुरधर म्हारो देश,झोरडो़ गांव जठै ॥
 
करै कोयला डील,तपै ज्यूं धाणी है
पच-पच करदै रगत,पसीनो पाणी है
जीवत बाळै खाल,मूंढै मुळकाणी है
खड़यो तावडै़ लाय,धुंवां धकरॊळ उठै।
मुरधर म्हारो देश,झोरडो़ गांव जठै ॥
 
लंबा काळा केस लूंबा लट्ट नागणियां
धीमी चाल मराल जियां गज़गामणियां
पतळी कमरां होठ गुलाबी-सी कळियां
मीठा मिसरी बोल,कंवळ-तन कामणियां
पणघट पग पणिहार,पायल री झणकार उठै ।
मुरधर म्हारो देश,झोरडो़ गांव जठै ॥
 
काम पड़यां हर नार,झांसी राणी है
मरज़ादा कुळ लाज,अमर निसाणी है
घुरतां घोर निसाण हुया अगवाणी है
नर सिमरथ मजबूत पगां में पाणी है
हंसता-हंसता सीस , सौंप दै बात सटै ।
मुरधर म्हारो देश,झोरडो़ गांव जठै ॥
 
माणस मूंघा जाण जिता जळ ऊंडा है
भिडि़या दै नीं पूठ ,पैंड पाऊंडा है
जीव थकां लै खोस कुणां रा मूंडा है
छेड़यां काळै नाग सरीखा भूंडा है
रण में बबरी सेर ,सरीसा भभक उठै ।
मुरधर म्हारो देश,झोरडो़ गांव जठै ॥
मखमल बेळू रेत,रमै नित राम जठै ।
मुरधर म्हारो देश,झोरडो़ गांव जठै ॥