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"भींत / दीनदयाल शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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म्हे रैह्वां  
 
म्हे रैह्वां  

02:12, 17 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण

म्हे रैह्वां
अेक घर मांय
तीन घर बणाय'र ।

भींत....!

भींत क्यूं देखै
कांई दूजो

क्यूं कै
भींत बणा राखी है
म्हे आप - आपरै भीतर ।