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"बुरा वक़्त / नवारुण भट्टाचार्य" के अवतरणों में अंतर

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डर झूलता रहता है
 
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गले में रस्सी डालकर
 
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उनके साए में लुका-छिपी खेलते हैं कालाबाज़ारिये
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सड़कों पर किलबिलाते हैं
 
सड़कों पर किलबिलाते हैं
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वी डी, वेश्याओं के दलाल और जेम्स बांड
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श्याओं के दलाल और जेम्स बांड
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भीड़ को ढकेल कर सायरन बजाती हुई
 
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पुलिस गाड़ी चली जाती है
 
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उसमें बैठी होती है पुलिस
 
उसमें बैठी होती है पुलिस
 
उनके बूटों का रंग उनके होंठों की तरह काला है
 
उनके बूटों का रंग उनके होंठों की तरह काला है

09:56, 17 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण

बुरा वक़्त कभी अकेले नहीं आता
उसके संग-संग आती है पुलिस
उसके बूटों का रंग काला है
बुरा वक़्त आने पर
हँसी पोंछ देनी पड़ती है रूमाल से
पंखुड़ियाँ धूल हो जाती हैं
जुए का का बाज़ार फूलता जाता है मरे हुए जानवर की तरह
प्रेम की गर्दन जकड़कर
डर झूलता रहता है
अभागे लोग लटकते हैं लैंपपोस्ट से
गले में रस्सी डालकर
उनके साए में लुका-छिपी खेलते हैं कालाबाज़ारिये
सड़कों पर किलबिलाते हैं
वी डी, वेश्याओं के दलाल और जेम्स बांड
भीड़ को ढकेल कर सायरन बजाती हुई
पुलिस गाड़ी चली जाती है
उसमें बैठी होती है पुलिस
उनके बूटों का रंग उनके होंठों की तरह काला है
उनकी घड़ी में बजता है
बुरा वक़्त