भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बसन्त !/ कन्हैया लाल सेठिया" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया |संग्रह=लीलटांस / कन्हैया ल…)
 
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
 
}}
 
}}
 
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
 
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita‎}}
+
{{KKAnthologyBasant}}
 +
{{KKCatKavita}}
 
<Poem>
 
<Poem>
 
 
 
मांडै
 
मांडै
 
रंगीलो चैत
 
रंगीलो चैत

19:11, 28 मार्च 2011 का अवतरण

मांडै
रंगीलो चैत
बणराय री हथेळ्यां में मैंदी,
घालै
मैक स्यूं सैंगद पून
चौफेर घूमर,
मंडग्यो रोही रै आंगणियै
सुरंगो मोछब,
अगेरै
गीतरेण चिड़कळ्यां
मिसरी मधरा गीत,
नाचै
सूरज री सोनल किरणां में
पींपळ री
तांबै वरणी कूंपळ्यां,
लटकै
जाळां रै
गुलाबी मोत्यां सा जाळोटिया,
भणकारै
अळूंघती कळ्यां रै कानां में
तिरसाया भंवरा,
उडै
हरियल सुआ
लियां रतनाळी चूंचां में
दाड़म रा मादक दाणां,
भरै
अचपळा मिरघळा चौकड्यां
मूंडै में दाब्यां काची दूब,
टैरै
रूपला
रातां
अलगोजो मूमल रो गीत,
सुण‘र बिलखै भौम
निसकारा नाखै गिगनार !